Sunday, October 10, 2010

एरियेटेड शावर

नहाने के समय 90% पानी बरबाद हो जाता है. यह हमारे शरीर को छू भी नहीं पाता. यह बिना छुये ही बेकार चला जाता है. अब एसी तकनीक बजार में उपलब्ध है जो इस बरबादी तो काफी हद तक कम कर सकती है. इस तकनीक का नाम है एरीयेटेड शावर. एरीयेटेड वाटर शावर का मतलब हवा और पानी मिश्रित शावर.
इस शावर से पानी के छोटे छोटे बुल्बुले बनते है जिनमे हवा भरी होती है. इनकी बूंदे शरीर पर पडते ही फूट कर बिखर जीती है. हवा इअनकी तेज रफ्तार बनाये रखने मे मदद करती है. और एक बएहतर मसाज का मजा देता है. यह थोडे मंहगे जरूर हो सकते है. पर इनके द्वारा बचाये पानी से इनकी कीमत कुछ ही महिनों मे  बसूल हो जाती है. एक बार शावर से नहाने में हम 80 से 90 लीटर पानी खर्च करते है. बाल्टी मग से नहाने पर भी यह 25 से 30 लीटर हो सकता है. वही काम यह 10 से 15 लीटर मे कर सकता है.
देखा जाये तो नहाने के समय पानी हमारे शरीर से उष्मा का स्थानंतरण करता है, यह त्वचा से चिपके पदार्थों को बहाकर सफाई मे मदाद करता है... हमारी त्वाचा के को यह अच्छा लगता है. हो सकता है यह कुछ लोगों को खराब भी लगता हो :-D
इसको लगाने के बाद इसका पानी बचाने की क्षमता की परख जरूर कर लें. इसके लिये आपको एक नार्मल शावर से एक बालटी पानी भरने मे लगने वाले समय की तुलना इस शावर से लगने वाले समय से करनी होगी.
ओसतन एक शहरी परिवार 250 से 300 लीटर पानी का इस्तेमाल वो नहाने धोने के लिये करता है. खास ब्बत यह की हमारे शहरों मे पीने के पानी और toilet  मे इस्तेमाल होनेवाला पानी एक ही होता है.  इसलिये हमारे द्वरा बचाइ गई एक एक बूंद किसी की प्यास बुझाने का कारण बन सकती है.
 

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