Tuesday, May 31, 2016

सांवली या गोरी

दैनिक जागरण 1 जून 2016 मे प्रकाशित सांवली लडकीयों की गुहारलेख ने जो लिखा है वो अर्ध-सत्य है. पूरा सच तो यह है की काले और सांवले जब खुद यह मान लेते है की गोरा रंग सुदंरता, सभ्यता और अक्ल का प्रतीक है तो फिर कोइ ओर क्या करे. काली लडकी को गोरा पति चाहिये और और काले लडके  को गोरी पत्नी. अगर एसा ना हो, तो लाखों करोडो रूपये का गोरे बनाने के पागलपन कारोबार एसे ही नही चलता. मजेदार बात तो यह है की आज तक कोइ इन क्रीमों से गोरा नही हुआ है. फिर भी लगाये जा रहे है.
आपको क्या लगता है की गोरे पन का यह लफडा अंग्रेजों के भारत आने के बाद शुरू हुआ? अगर आप एसा सोच रहे है तो भारी गलती कर रहे है. इस गोरे पन की खाज हमारी संस्कृति मे तब से है जब से इस संस्कृति का उदय हुआ. तब से ही काले और सांवले देत्य , असुर और राक्षस नजर आते रहे है. और गोरे देवता. अब आप बोलोगे की राम और कृषण तो सांवले थे. यह सही है की वो सांवले थे पर राम और कृषण जेसे सांवले को भी हमने भगवान तब माना जब उन्होने सांवले और कालों का वध किया. कहने को तो वो सांवले थे पर उन्होने काम गोरों के लिये ही किया. आप किसी से भी पूछ लो वो सब राक्षस या देत्य और असुर को  काला ही बतायेगे.
इसी तरह इस देश मे यह मान लिया गया है की सारी अक्ल और सभ्यता अंग्रेजी पढे लिखे छोकरे छोकरीयों मे ही है. कुछ दिन पहले एक खबर  पढी था की हिन्दी किसी को प्रधान मंत्री तो बना सकती है पर इजीनियर, डाक्टर और आइ ए एस नही बना सकती. यह एसी सोच है जिसे हम चाहे तो बदल सकते है. पर याद रहे यह किसी सरकार के बस मे नही है की वो एसी सोच को बदल सके. यह तो आपकी अपनी इच्छा शक्ति से ही संभव हो सकता है.
आज हम ग्लोबल है, तो अपनी सोच को भी ग्लोबल करे. अक्ल का इस्तेमाल करे और देखे की सभ्यता और शिक्षा का ना रंग से कोइ वास्ता है और ना ही अंग्रेजी से. जो आपको रंग के कारण  नापसंद करता हो  उसे अनदेखा कर आगे बढे, इस बात की हीन ग्रंथी अपने दिमाग मे ना पाले. यह सही है की अधिंकाश भारतीय गोरे रंग को अहमियत देते है, पर आप इस बात को ज्यादा तब्बजो ना देते हुये आगे बढे. आज लाखो करोडों लोग हैं जो काले है या सांवले होते हुये भी हर फील्ड में इतिहास रच रहे है , इस दुनिया को नई दिशा दे रहे है, बेहतरीन नेता साबित हो रहे है. एसे लोगों से सीख सकते हो तो सीखों.
आज कल तो गोरे भी अपनी गोरी चमडी से परेशान है अगर एसा नही है हो तो उन्हे सूर्य स्नान करते हुये अपनी त्वाचा को टेन करने की जरूरत नही होती. अब तो विज्ञान भी सांवली और काली त्वाचा के  फायदे गिना रहा है तो हम फिर से अपने को बेवकूफ क्यों साबित करने पर तुले हुये है.

स्मार्ट बनिये, फेशनेबल बनिये, उसके लिये आपको गोरे होने की कतई जरूरत नही है. एक बात अच्छी तरह समह लो की कोइ भी पहले अपनी नजरों मे नीचे गिरता है फिर किसी ओर की निगाह मे नीचा होता है. स्वाभिमान को अपने रंग़ से नही, अपने हुनर और अक्ल से जोडो और आगे बढों या फिर गोरे पन की क्रीम मलते रहो.

Monday, May 23, 2016

weight loss program

This program is designed for a target weight loss of 3–4 kg per week. It will also improve your attitude and emotions because of its systematic cleansing effects.
The effectiveness of this seven day plan is that the food taken burn more calories that they give to the body. This plan can be used as often as you like to, without any fear of complications. It is designed to flush your system of impurities and give you a feeling of well being. After seven days, you will begin to feel lighter by at least 10 pounds . You will have an abundance of energy and an improved disposition.
DURING THE FIRST SEVEN DAYS YOU MUST DRINK 10 GLASSES OF WATER EACH DAY
Day One: All fruits (except bananas)
Your first day will consist of all fruits you want. It is suggested that you consume lots of melon the first day. Especially watermelon and cantaloupe (खरबूजा ). If you eat only melon, your chances on the very first day are very good.
 You are preparing your system for the upcoming program. Your only source of nutrition is fresh fruits. Fruits are nature's perfect food. They provide everything you possibly need to sustain life, except total balance and variety.  
Day Two: All vegetables
You are are encouraged to eat until you are stuffed with all raw and cooked vegetables of your choice. There is no limit on the amount or type. Avoid oil and coconut while cooking vegetables. You can have a large boiled potato for breakfast, then avoid potato for the day and consume greeny, leafy vegetable 
 Starts with a fix of complex carbohydrates in the form of boiled potato. This is taken in the morning to provide energy and balance . The rest of day two consists of vegetables, which are virtually calorie free, and provide essential nutrients and fiber.
Day Three: fruit and vegetables
Any mixture of fruit and vegetables of your choice. Any amount, any quantity. No banana yet. No potatoes today.
Eliminates the potato because you get your carbohydrates from fruits. Your system is now prepared to starts burning excess pounds. You will still have cravings, which should start to diminish by day four .  
Day Four: Bananas and milk
Today you will eat as many as eight bananas and drink three glasses of milk. You can also have 1 bowl of vegetable soup.
Bananas and milk sounds the least desirable. You are in for a surprise. You probably will not be able to eat all the bananas allowed.  
Day Five: Rice and tamatoes
Today is a feast day. You will eat 1 cup of rice. You will also have to eat 6 whole tomatoes. Drink 12 glasses of water today to cleanse your system of the excess of uric acid you will be producing.
Rice and tomatoes. The rice is for the carbohydrates and the tomatoes are for digestion and fiber. Lots and lots of water purifies your system. You should notice colorless urine today. Do not feel you have to eat one cup of rice, you may eat less. But you must eat the six tomatoes.  
Day Six:all vegetable
Today is another all vegetable day. You may eat one cup of rice today. Eat all the vegetables you want, cooked and uncooked to your heart's content.
Similar to day five, vitamins and fiber from the vegetables and carbohydrates from the rice. By now your system is in a total weight loss inclination. There should be a noticeable difference in the way you look today compared to day one.  
Day Seven:Rice , fruits and vegetable
Today your food intake will consist of 1 cup of rice, fruit juices and all the vegetables you care to consume. Tomorrow morning you will be 3 to 4 kg lighter that one week ago. If you further desire to lose weight, repeat the program. You have your system under control now and it will thank you for all the purging and cleansing you just gave it.
Even more than a diet program, it is good to follow this diet once in a while to clean your digestive system and remove toxins.
Additional comments:
The most important element of the program is the 10 tall glasses of water a day. You can also flavour the water with some lemon to make the drinking easier.   No fruit juices before day seven.
The secret of this program is that you should never be hungry. If it is a fruits day, eat so much fruit that you are never hungry. You may be bored of eating vegetables all day, but you should not be hungry. You can take any amount of Wonder Soup (recipe given below) on any day.  
Recipe of  Wonder soup
The following soup is intended as a supplement to your diet. It can taken any time of the day in virtually unlimited quantities. You are encouraged to drink large quantities of this soup.
750 ml water
finley chopped 
a. 06 Large onions
b. 2-3 Green peppers
c. 03 Whole tomatoes
d. Cabbage/ green veg
 1 tea spoon Celery (अजवाइन)
Black salt/ rock salt to your taste 
Boil for 5 minutes and soup is ready. 
This program is highly recommended for women and men above 40, for whom excess weight is especially dangerous. Excess weight in women aggravates arthritis problem and rapid joint decay. Pain and joint deterioration can be lessened by weight loss, as weight loss removes the stress on the knee joint. Weight is the most critical factor in keeping good health and excess weight is responsible for most of the problems including coronary disease, heart problems, arthritis and cancer, among other serious life threatening diseases. Host of serious health problems can be avoided by the single function of maintaining an ideal weight.
Daily mild exercise of 20 minutes is also essential. Do not tire yourself out, but being regular in your exercise and maintaining an ideal weight, goes a long way in ensuring a happy, healthy and long life .


स्टेस्टीकल्स क्वालिटी टूल्स का इस्तेमाल कर पंच टाइम केसे सुधारे




हम अकसर किसी पेरामीटर के औसत मान की तरफ ध्यान देते है और उसे पूरी तरह प्राप्त करने की कोशिश करते है. हम किसी पेरामीटर की गुणता पक्का करने के लिये उस पेरामीटर की लिमिट तय कर देते है और उसे निरंतर चेक करते  रहते है अगर वो लिमिट मे होता है हम मान लेते है की पेरामीटर कंट्रोल मे है और गुणता का मानदंड पूरा कर रहा है. अकसर देखा गया है की पेरामीटर की लिमिट सेट  करते समय प्रोसेस की केपेबल्टी की तरफ ध्यान नही दिया जाता. उसकी जगह सारा ध्यान इस बात पर लगा दिया जाता है की जो पेरामीटर मे ना हो उसे रिजेक्ट किया जाये.
अगर हम प्रोसेस वेरियेशन की तरफ भी ध्यान देगे तो हमे पता चलेगा की जिस प्रोसेस को हम इस्तेमाल कर रहे है वो ठीक ही नही है क्योंकी उसका वेरियेशन ही हमारी सेत लिमिट से बाहर है, एसे मे रिजेक्शन का बडना तय होता है.  एसे मे हर उत्पाद को चेक किया जाता है. जिससे समय की बरबादी होती है और साथ ही सामग्री और उर्जा बरबाद होती है. इसकी जगह अगर हम एसे प्रोसेस को चुने जिसका वेरीयेशन गुणता लिमिट के अदंर हो तो हम बेकार के निंत्रण से आसानी से बच जायेगे. इस तरह निर्मित उत्पाद कम कीमत पर बना पायेगे.
अगर हम किसी प्रोसेस पेरामीटर का एवरेज निकाल कर उसके फ्रीकीवेंसी डिस्ट्रीब्यूशन को प्लाट करे तो हम पायेगे की उसके एवेरेज से जितना दूर जायेगे उसकी आवृति कम होती जायेगी. उपर दिये ग्राफ को नोर्मल ग्राफ कहते है. अधिंकाश प्रोसेस मे हम इस तरह के ग्राफ को पायेगे. बेल लेबोरेटरी के डा. वाल्टर शेवार्ट ने 1920 मे इसके आधार पर प्रोसेस कंट्रोल चार्ट की की विधी विकसित की जिसे जापान ने दूसरे विश्व युद्ध के बाद उद्योगों मे इस्तेमाल किया. इससे  प्रोसेस को नियंत्रण करने मे, उसे विकिसित करने मे  और उसके वेरियेशन को कम करने मे मदद मिली. आज दुनिया भर मे इस तकनीक का इस्तेमाल उद्योग उत्पाद की गुणता सुधारने कर रहे है. 
उद्योगों मे स्टेटीकल्स गुणता टूल्स का उपयोग उत्पाद की गुणता और उसके प्रोसेस को स्थापित करने के लिये किया जाता है. किसी भी प्रोसेस की टोलरेंस की विविधता को नापने के लिये प्रोसेस से प्राप्त डाटा  का  average और standard deviation नापा जाता है. एक अच्छे प्रोसेस का standard deviation  कम से कम होता है और उस की मान  समय के साथ या तो स्थिर रहती है या निरंतर कम होता जाता है.
इस विधी का इस्तेमाल कर्मचारी कार्य स्थल में अपने पंच टाइम को सुधारने मे केसे कर सकते है. इस बारे मे इस लेख मे बताया गया है. आजकल कर्मचारियों की कार्यस्थल पर उपस्थिति इलेक्टानिक पंच मशीन के द्वारा सुनिश्चित की जाने लगी है. इससे प्रबंधन आसानी से पंच डाटा का विशलेषण कर सकता है. कर्मचारियों का वेतन पंच डाटा से लिंक कर देने से ओवर टाइम के साथ उनका सही वेतन गणना कर सकता है. इसके लागू हो जाने से कर्मचारीयों  पर समय से आने और जाने का दबाब बन गया है, क्योंकी प्रबंधन अब देर से आने वाले कर्मचारियों की लिस्ट आसानी से बना सकता है. अब इस तकनीक का इस्तेमाल आजकल सभी संस्थानों मे होने लगा है.
हम पंच डाटा का इस्तेमाल पंच प्रोसेस का average और standard deviation निकालने और उसमे  किस तरह के सुधार की गुजाइश है इसका पता करने के लिये कर सकते है. पंच डाटा का विशलेषण कर हम पता कर सकते है की हमे average टाइम सुधारना है या हमारे प्रोसेस को सुधारना है या फिर दोनों पर काम करना है.  इस तरह हम सुधार की दिशा और दशा तय की जा सकती है.  
पहले हम कंट्रोल चार्ट के सिध्दांत के बारे मे जानते है. और यह जानते है इन्हे केसे बनाया जाता है और इनका विशलेषण कर केसे प्रोसेस के सीमाओं को जान सकते है. इसको एक उदाहरण से समझते है. फेक्टरी मे सुबह आने का समय 7:00  बजे का है. यानी फेक्टरी नियम के अनुसार 7 बजे के बाद आने वाले को लेट माना जायेगा. इस फेक्टरी का विवेक नाम का एक कर्मचारी ठान लेता है की वो हर हालत मे समय पर फेक्टरी  आयेगा. 7 बजे फेक्टरी  पहुचने के लिये, विवेक रात को सोने से पहले सुबह 6 बजे का अलार्म लगाकर सोता है. वो सुबह नहा धोकर , तैयार होकर और नाशता करके फेक्टरी पहुचता है. जब उसने अपने पंच टाइम पर गोर किया तो उसने पाया की वो अधिंकांश समय या तो सात से पहले आया या सात के बाद. सात से पहले आना तो ठीक है पर सात के बाद आने से उसे प्रबंधन से वारनिंग मिल रही है .
उसे समझ नही आ रहा है की वो एसी हालत मे क्या करे. तभी उसे  स्टेस्टीकल्स क्वालिटी टूल्स   का ख्याल आया जिसे वो अपने विभाग मे प्रोसेस का मुल्याकंन और कंट्रोल करने मे इस्तेमाल करता है. उसने सोचा की क्यों ना इस टूल का इस्तेमाल पंच टाइम के डाटा का किशलेषण करने मे किया जाये.     
उसने पिछले 15 दिनों की सुबह का पंच डाटा को इकठ्ठा किया जो नीचे  दिय गया है
day
punch
day
punch
Day 1
7:07
Day 9
6:58
day 2
7:05
Day 10
6:59
Day 3
7:00
Day 11
6:58
Day 4
7:08
Day 12
7:00
Day 5
7:08
Day 13
6:59
Day 6
7:05
Day 14
6:50
Day 7
6:56
Day 15
7:07
Day 8
6:51

उसने पहले पंच टाइम डाटा  जो घंटा और मिनिट मे था उसे नोर्मालाइज किया. उसके लिये उसने 6:00 बजे का रेफ्रेंस लेकर उसके अंतर को  मिनट मे बदला जेसे पहले दिन का समय 7:07- 6:00  =67 मिनिट और इसी तरह दूसरे दिन 6:56 - 6:00 = 56 मिनिट इस तरह पूरे डाटा को दशमल्व प्रणाली में नोर्मालाइज कर लिया.   
नोर्मालाइज डाटा : 67,65,60,68,68,65,56,51,58,59,58,60,59,50,67
उपर 15 दिन के पंच डाटा का स्टेडर्ड डेवियेशन पता करने के लिये पहले उसका average निकालते है उसके लिये 15 दिन का डाटा का जोड निकाल कर उसे उसे 15 दिन से भाग देते है
67+65+60+68+68+65+56+51+58+59+58+60+59+50+67=911
इस तरह पंच टाइअम एवरेज ( Pav)=911/15=60.7
उसके बाद हर डाटा का variance निकाला जाता है उसके लिये हर पंच डाटा को उसके average  से घटाकर उसका square. किया जाता है  
day
Normalize punch Time(P)
P- Pav)^2
Day 1
67
(67-60.7)^2 = 39.27
day 2
65
(65-60.7)^2 = 18.20
Day 3
60
(60-60.7)^2 = 0.54
Day 4
68
(68-60.7)^2 = 52.80
Day 5
68
(68-60.7)^2 = 52.80
Day 6
65
(65-60.7)^2 = 18.20
Day 7
56
(56-60.7)^2 = 22.40
Day 8
51
(51-60.7)^2 = 94.74
Day 9
58
(58-60.7)^2 = 7.47
Day 10
59
(59-60.7)^2 = 3.00
Day 11
58
(58-60.7)^2 = 7.47
Day 12
60
(60-60.7)^2 = 0.54
Day 13
59
(59-60.7)^2 = 3.00
Day 14
50
(50-60.7)^2 = 115.20
Day 15
67
(67-60.7)^2 = 39.27
sum day1 to day15
911
474.93
average(Pav)
911/15=60.7

The variance is the mean of
474.93/15=31.66
standard deviation (SD) is square root of variance 
5.63

इस तरह उपरोक्त डाटा का प्रोसेस करने पर निम्न लिखित मान प्राप्त हुये 
Avrage (AV)
AV
60.7
Standard deviation
SD
5.63
Uppar sigma limit  (USL1)
AV+ 1*SD
66.3
Uppar sigma limit  (USL2)
AV+ 2*SD
72
Uppar sigma limit  (USL3)
AV+ 3*SD
77.6
Lower sigma Limit (LSL1)
AV- 1*SD
55.1
Lower sigma Limit (LSL2)
AV- 2*SD
49.4
Lower sigma Limit (LSL3)
AV- 1*SD
43.81

पूरे डाटा का प्रोसेस चार्ट मे प्रदर्शित कर उसका विशलेषण किया जा सकता है इसके लिये निम्न लिखित स्टेप के अनुसार प्रोसेस चार्ट ग्राफ पेपर पर बना सकते है.  
1.                  ग्राफ पैपर पर स्केल इस तरह सिलेक्ट करे की उस की vertical axis पर +/- 3 sigma limit की लिमिट लाइन को ठीक से दिखाया जा सके
2.                  उपर ट्बल मे प्रदर्शित AV, USL1, USL2, USL3, LSL1 LSL2, LSL3  के मानों की horizontal लाइन बना ले
3.                  अब डाटा को उस पर कर्म से प्रदर्शित करे- 67,65,60,68,68,65,56,51,58,59,58,60,59,50,67

अगर प्रोसेस कंट्रोल मे है तो उसके 99.97 डाटा +/- 3 सिग्म लिमिट की लाइन के अदंर होंगे, उसी तरह उसका 90% डाटा +/- 2 सिग्म लिमिट होंगे और 66% डाटा +/- 3 सिग्म लिमिट मे होंगे. जब तक डाटा पाइंट 3 सिग्मा लिमिट लाइन के अदंर है तो प्रोसेस कंट्रोल मे है. इस तरह उपरोक्ट डाटा की 3 सिग्मा लिमिट 60.7 +/- 16.89  है.
 यानी की कर्मचारी ने जो भी आने का प्रोसेस चुना है उसका एवरेज टाइअम 60.7 यानी ( 7:01 ) उसकी 3 सिग्मा लिमट के अनुसार उसके आने का समय की 3 सिग्मा रेंज  6:44  से लेकर 7:18 मिनिट के बीच है. उपरोक्त डाटा से यह पता चलता है की उसके सभी पंच डाटा प्रोसेस के लिमिट मे है. अगर उसे अपने पंच टाइम को इससे बेहतर बनाना है तो उसे अपने प्रोसेस में बदलाव करना होगा.  अगर विवेक को हर हाल मे 7 बजे से पहले आना है और अगर वो जो प्रोसेस अपना कर  सुबह आता है उसमे कोइ फेर बदल नही करना चाहता है तो उसे अपना एवरेज टाइम  7:01 की जगह 6:43 करना होगा.
इस तरह प्रबंधन और कर्मचारी दोनों यी इस प्रोसेस की लिमिट से अवगत हो जाते है. अब अगर प्रबंधन चाहे तो इसे स्वीकार कर सकता है या फिर वो कर्मचारी को अपने आने के प्रोसेस को ठीक करने के लिये बोल सकता है. प्रबंधन को भी समय समय पर फेक्टरी और विभागीय स्तर का average और standard deviation कर्मचारीयों को बताते रहना चाहिये  जिससे उसका टाइमिंग फेक्टरी या विभाग से बेहतर है या नही उसे पता चल सके.  
अगर कर्मचारी को फेक्टरी का 3 सिग्मा लिमिट और एवरेज मालुम हो तो, कर्मचारी को बस इतना  हर करना है की उसे अपना 3 सिगमा लिमिट और एवरेज कंपनी से बेहतर बनाये रखना है इस तरह वो इसमे लगातार सुधार कर सकता है. प्रबंधन आसानी से जान सकता है की किन कर्मचारीयों  की वजह से कंपनी का 3 सिग्मा लिमिट गडबड हो रहा है. वो एसे कर्मचारीयों को उनके 3 सिगमा लिमिट सुधारेने मे मदद कर सकता है. प्रबंधन यह भी जान सकता है की उसने जो आने की लिमिट निर्धारित की है वो कितनी ठीक है. हम प्रोसेस चार्ट से यह भी जान सकते है की कर्म चारी को पंच टाइअम सुधारे ने के लिये उसे प्रोसेस पर काम करना है या फिर average टाइम को सही करना है  
एक बात ओर जन ले, किसी भी कंट्रोल चार्ट मे सभी पांइट 3 सिग्मा लिमिट के होने के बाबजूद वो हमे प्रोसेस के भविष्य मे आउट आफ कंट्रोल जाने की अग्रिम चेतावनी भी देता है जिसे जानकर हम प्रोसेस मे जरूरी सुधार कर सकते है. उदाहरण के लिये नीचे दिये चार्ट को ध्यन से देखे. 

1.                  डाटा पाइंट 3 सिग्मा लिमिट की बाहर हो  जेसे पाइअंट 16 है. वो  प्रोसेस आउट आफ कंट्रोल जाने की अग्रिम चेतावनी देता है. 
2.                  इसी तरह अगर तीन पांइट सेंटर लाइन के एक तरफ हों और उन तीन मे से दो पाइंट लगातार 2 सिग्मा लाइन के बाहर हों जेसे पाइंट 4 है वो प्रोसेस का आउट आफ कंट्रोल जाने की अग्रिम चेतावनी देता है. 
3.                  अगर 5  पांइट सेंटर लाइन के एक तरफ हों और उसमे भी पांच मे से चार पाइंट लगातार 1 सिग्मा लाइन के बाहर हों जेसे पांइट 11 तो वो प्रोसेस आउट आफ कंट्रोल जाने की अग्रिम चेतावनी देता है. 
4.                  अगर लगातार 8  पांइट सेंटर लाइन के एक तरफ हों या फिर 11 मे से 10 या फिर 14 मे से 12 पांट लाइन के एक तरफ हो तो भी वो प्रोसेस का आउट आफ कंट्रोल जाने की अग्रिम चेतावनी होती है. 
प्रोसेस कंट्रोल के लिमिट को जानने के लिये कम से कम 20 डाटा पाइट प्लाट करे और उसका 3 सिग्मा लिमिट की गणना करे. और वो सभी पांइट उपरोक्त 4  मानदंडों पर सही उतरते हो तो ही प्रोसेस उस पेरामीटर के लिये कंट्रोल मे कहा जायेगा. 
Excel sheet की साहयता प्रोसेस चार्ट आसानी से बनाया जा सकता है.