Tuesday, March 15, 2022

चिकित्सा विज्ञान... कोन सा और कैसा विज्ञान

 रोग को कंट्रोल करना या रोग को खत्म करना दोनों ही अलग बात है हम जिसे कंट्रोल करने की बात कर रहे हैं उसके बारे में हमने मान लिया कि उसे खत्म नहीं किया जा सकता।

हद तो तब हो गई जब हमने मधुमेह, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल या थायराइड को लाइलाज रोग  मान लिया यह मान लिया कि जिसे यह एक बार हो गया वह जीवन भर उसे रहेगा उसे खत्म  नहीं किया जा सकता,  उसे मात्र  कंट्रोल किया जा सकता है यह सच है कि आधुनिकता दवाइयों से इन रोगों को कंट्रोल किया जा सकता है पर क्या रोग को कंट्रोल करना ही उसका एकमात्र उपाय है 

 आधुनिक दवाइयों के सहयोग से कंट्रोल किया जा सकता है और इसे कंट्रोल करने के लिए जीवन भर इन दवाइयों पर निर्भर रहना होगा।विज्ञान के नाम दुनिया भर मे मोजूद देशी इलाज जो सदियो से प्रचलित है उसे दबाया जा रहा है। 

भारत मे आयुर्वेद की प्राचीन परंपरा है, हम्योपैथी के भी लाखो मानने वाले है। योग, ध्यान और उपवास की शक्ति  के बारे मे सबको पता है, यह किस तरह हमे रोगो से सुरक्षित करती है । इसके वाबाजूद कोविड मे इन सब को बेन कर दिया । सरकार ने मात्र एलोपैथी को ही सही माना। क्या यह  साबित नाही करता की दाल मे कुछ ना कुछ काला है।    

इस आधुनिक चिकित्सा पद्धति के विरोध में जो भी आवाज उठ रही है उसे दबाने की पूरी कोशिश की जा रही है क्योंकि अगर सच लोगों के सामने आ गया तो यह multi-million डॉलर का उद्योग भरभरा कर गिर पड़ेगा दुनिया भर की सरकार  भी मजबूर हैं शायद उन्हें भी एस उद्योग से होने वाली कमाई का हिस्सा मिल रहा है विज्ञान के नाम पर यह लूट  खसोट  और  दबंगई का ऐसा मायाजाल बना दिया गया है की वैकल्पिक चिकित्सा की बात करने से भी लोग  डर रहे हैं और यह सब विज्ञान के नाम पर हो रहा है 

 उपवास जैसी साधारण सी प्राकृतिक चिकित्सा जो हर धर्म, हर काल में उपयोग में लाई जाती रही उसके बारे में गलत प्रचार किया गया। 

जो आधुनिक चिकित्सा डॉक्टरों द्वारा किया जा रहा है  उसमे भी हजारों लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी लोग मरते हैं , उनका  कत्लेआम जायज है पर अगर वैकल्पिक चिकित्सा या प्राकृतिक चिकित्सा में एक भी मरीज मर जाए तो उस डॉक्टर की जेल पक्की 

करोना  के नाम पर जो अस्पताल गया उसके लौटने की कोई  गारंटी नही यह कैसा चिकित्सा विज्ञान  की कोविड-19के इलाज में अस्पताल में लाखों लोग मारे गए उनकी लाशें तक लोगों को नहीं दी गई पर अगर वैकल्पिक चिकित्सा अपनाते हुए एक भी मरीज उस डॉक्टर से मर जाता तो उस डॉक्टर की  जेल हो जाती। 

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