इमानदारी का सर्टीफिकेट
- होनहार और
इमानदार नेता जी कह रहे थे की किसी को किसी के सर्टीफिकेट से फरक नही पडता , सबको अपना अपना काम इमानदारी से करना चाहिये. मेरा मानो तो बहुत फर्क पडता है, जब आंदोलन का केंद्र बिंदु व्यक्ति आधारित हो तो
बहुत फर्क पडता है.
- इससे से भी फर्क पडता है की इमानदारी का सर्टीफिकेट आप किस से
ले रहे है और इमानदार आप किस के प्रति है.
- एक बात ओर बुराइ ताकतवर है क्योंकी वो
अकसर एकजुट होती है. और अच्छाइ कमजोर क्योंकी वो अकसर बिखरी हुई होती है . वेसे भी
जो खुद आसानी से बिखर जाता हो वो केसे लोगो को एकजुट कर पायेगा .
- FDI के विरोधी उसके चंद समर्थकों से कही ज्यादा थे...पर वो हार गये. 51% हिस्सेदारी का लोग मतलब ही नही समझ पाये अब इस देश मे असली कटपुतली सरकारों के दर्शन
होंगे. क्योंकी आगे स्थति और भंयकर होने वाली है. आगे आने वाला समय अब गुलाम सरकारों का
है.
- यह देश 72 सालों से गरीबी मिटाओ का नारा देता रहा....अब
नारा होगा गरीब मिटाओ...ओह क्या इसके लिये उन्हे किसी नारे की भी जरूरत होगी...FDI का दुनिया भर मे यही कुचक्र है.
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