खंण्ड- 16 पुनर्जन्म
केसे
मै पृथ्वी पर मन चाहा शरीर केसे प्राप्त करूगा
, मुझे केसे पता चलेगा की जिस घर मे पैदा होना चाहता हू वो अमीर है गरीब. वो
किस धर्म का है. जिस शरीर को मे धारण करूगा वो नर है या मादा..किशन एसे बहुत से
सवाल है जिस का जबाब मे जानना चाहता हू.
किशोर कोइ पुनर्जन्म क्यों लेना चाहेगा,
आप बताइये !
इसकी बहुत सारी वजह हो सकती है जेसे,
अधूरी वासनाओं को पूरा करना चाहता है
चोरी, हत्या, ठगी,
धोखा इनके बारे मे सीख अधूरी हो
नये अनुभव के लिये
इश्वरीय संदेश देने के लिये
यदि किसी व्यक्ति को धोखे से, कपट
से या अन्य किसी प्रकार की यातना देकर मार दिया जाता है तो बदले की भावना से
वशीभूत होकर उसकी चेतना पुनर्जन्म अवश्य लेना चाहेगी। छल कपट का यह खेल चलता रहता
है जब तक की उसकी जीवात्मा यह नही समझ जाती की उसका विकास उन सब को माफ करने मे है
और इस सब को भूलाकर आगे बढने मे है.
पारिवारिक रिश्तों की समस्या भी पुनर्जन्म का
एक बढा कारण होती है. इसी तरह अगर इसी दोस्त ने धोखा दिय तो वो इस बार उसी धोखा
देने का सबक देगा. इस तरह उसकी योनी , समाज, धर्म
तय हो जाते है.
मजेदार बात यह है की नया जन्म लेने के बाद
पिछले जन्म कि याद बहुत ही कम लोगो को रह पाती है। वो भी कुछ लोगो बचपन मे ही उसे
याद कर पाते है और जेसे जेसे उअमर बढती है वो उसे भूल जाते है. बस एक भावना रह
जाती है. और जब भी उससे मिलती जुलता घटना होती है हम बैचेन हो जाते है.
किशन, एक तरह से अच्छा ही होता है
वरना पिछले जन्म की यादों के साथ दूसरा जन्म जीना बहुत लोगों के लिये किसी नर्क के
समान ही होता.
अब तुम्हारा भी समय हो गया है की तुम धरती पर
दुबारा जन्म लो
मुझे तो मलुम ही नही की इस बार मुझे क्या करना
है,
तुम्हे मालुम करने की जरूरत भी नही. तुम्हे तो
बस हर पल निर्णय लेना है और कर्म करना है. वो सब तुम्हारे पिछले अनुभव का ही नतीजा
होंगे. मेने कहा ना शिक्षक भी तुम हो और शिष्य भी तुम हो. वेसे
किशोरतुम्हारी अंतरआत्मा को मालुम है , अगर गंभीरता से उस पर मनन
करोगे तो समझ जाओगे.
दूसरा जन्म इतनी जल्दी,
अभी तो मुझे आपसे बहुत कुछ सीखना और समझना है ?
मेन कहा ना यंहा समय अलग तरीके से काम करता
है. मुझे जो समझना था वो समझा चुका हू. क्या तुम्हे इस बात का जरा भी अंदाज है की
तुम्हारी धरती पर मृत्यु को कितना समय हो गया है
यही कोइ कुछ वर्ष ...
पूरी एक शताबदी गुजर चुकी है
विश्वास नही होता
यानी अगर मे अभी जन्म लू तो वंहा 2116 चल
रहा होगा
सही कहा
वंहा तो सब बदल चुका होगा मै उत्सुक हू यह
जानने के लिये इन 100
सालों मे हम इंसानों ने क्या उन्नति की है
तुम तो इश्वर से मिलने को उत्सुक थे ...किशन
ने हंसते हुये कहा
आपने सही कहा किशन अभी मेरा इश्वर से मिलने का
समय नही हुआ है. वेसे भी यह दरवाजा तो मेरा ही बनाया हुआ है. उनकी प्रेरणा तो मेरे
साथ हर समय है.
तो फिर देर किस बात की किशोर, आगे
बढो और सामने दिख रहे दरवाजे को खोलो, वंहा तुम्हे इश्वर के
बारे मे फेली बहुत सी भ्रांतियों को दूर करना है.तुम्हे वंहा बहुत बढे काम करने
है. यंहा जो कुछ भी सीखा है देखते है उसे केसे तुम अपने नये जीवन मे उपयोग करते
हुये अपना और लोगों का जीवन बेहतर बनाते हो.
पर उसके दूसरी तरफ तो इश्वर है , मेरे
चेहरे की उलझन देखकर किशन मुस्करा दिया
हां भई हां वंहा इश्वर आपका अपनी पूरी
श्रृष्टी के साथ इंतिजार कर रहा है.
इस बार किशन के चेहरे की गूढ मुस्कान है
... जेसे वो ओर कोइ नही मेरे कृष्ण हो , अचानक उनकी बांसुरी की धुन
मेरी सारी चेतना पर छाने लगी ... मेरा इश्वर मेरे सामने था...दरवाजा खोलते ही एक
तेज प्रकाश से मेरा सामना हुआ .... मेरी चेतना उसमे वीलीन होती चली गई.
No comments:
Post a Comment