tag:blogger.com,1999:blog-2734901781250201091.post1465798436164226382..comments2023-06-19T03:56:10.641-07:00Comments on webमंथन: विश्व की सबसे खर्चीली भ्रष्टाचारयुक्त लोकतांत्रिक व्यबस्थादुर्वेशhttp://www.blogger.com/profile/07609263535557119808noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-2734901781250201091.post-12833869283697905692011-12-12T19:47:24.279-08:002011-12-12T19:47:24.279-08:00मुझे अपने ‘भारत महान्’ की बात समझ में नहीं आती है ...मुझे अपने ‘भारत महान्’ की बात समझ में नहीं आती है । महान् तो कह दिया लेकिन किस तारीफ में ? भ्रष्टाचार में अव्वल होने पर ? राजनैतिक बेहयाई पर ? लोगों की संवेदनहीनता पर ? उनकी स्वार्थपरता पर ?या फिर समाज में व्याप्त कुंठा अथवा हीन भावना पर, जिसके तहत हर विदेशी चीज को इस देश ने श्रेष्ठतर मानने और उन्हें अपनाने का व्रत पाल रखा है ...जोशीAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2734901781250201091.post-37167687949930629782011-12-12T19:45:40.875-08:002011-12-12T19:45:40.875-08:00मुझे अपने ‘भारत महान्’ की बात समझ में नहीं आती है ...मुझे अपने ‘भारत महान्’ की बात समझ में नहीं आती है । महान् तो कह दिया लेकिन किस तारीफ में ? भ्रष्टाचार में अव्वल होने पर ? राजनैतिक बेहयाई पर ? लोगों की संवेदनहीनता पर ? उनकी स्वार्थपरता पर ?या फिर समाज में व्याप्त कुंठा अथवा हीन भावना पर, जिसके तहत हर विदेशी चीज को इस देश ने श्रेष्ठतर मानने और उन्हें अपनाने का व्रत पाल रखा है , जिसका नतीजा भारतीय भाषाओं के हालात के तौर हम देखते हैं ।...जोशीAnonymousnoreply@blogger.com