Thursday, November 17, 2011

जेम्स फोरसिथ पगडंडी पर बीएचईएल भोपाल यूनिट के सदस्यों ने की साहसिक ट्रेकिंग

पचमढ़ी हिल स्टेशन के खोजकर्ता कैप्टन जेम्स फोरसिथ द्वारा वर्ष 1862 में पहली बार जिस रास्ते का इस्तेमाल किया, उसी रास्ते पर यूथ होस्टल्स एसोसियेशन ऑफ़ इंडिया बी.एच.ई.एल.इकाई भोपाल, के 39 सदस्यों ने दिनांक 13/11/11 से 15/11/11 तक तीन दिवसीय साहस और रोमांच से भरे ट्रेकिंग कार्यक्रम ’’री विजिटिंग फोरसिथ लैण्ड’’ मैं हिस्सा लिया.


इस अनोखे ट्रेकिंग कार्यक्रम को 10 से 17 नवंबर तक सतपुडा टाईगर रिजर्व होशंगाबाद द्वारा  पचमढ़ी खोज के 150 वर्ष पूर्ण होने और मध्यप्रदेश के वन विभाग की स्थापना के 150 साल पूरे होने के अवसर आयोजित किया.

इस यात्रा को ’’री विजिटिंग फोरसिथ लैण्ड’’ नाम दिया गया। विभाग के मुताबिक इसी पगडंडी से जाकर कैप्टन जेम्स फोरसिथ ने पचमढ़ी की खोज की थी। 1862 में बनाया गया यह रास्ता सैलानियों के लिए बंद था। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व द्वारा इस अतिदुर्गम पर्वतों के बीच से जाने वाले इस मार्ग को पहली बार ट्रेकिंग के लिये खोला गया। लगभग 37 किमी के इस दुर्गम रास्ते पर ट्रेकिंग करने का बेहद रोमांचक अनुभव इस टीम ने किया हैं। रास्ते में वन्य प्राणियों और दुर्लभ वनस्पतियों की महत्वपूर्ण जानकारी के साथ ही वहां रह रहे वनवासीयों से मुलाकात और उसकी संस्कृति जानने का मोका इस टीम को मिला.

मध्य प्रदेश के प्रभारी वनमंत्री ने हरी झंडी दिखाकर समूह को जिप्सी वाहनों से रावाना किया. दल झिरपा होते 21 किलोमीटर का सफर तय कर दोपहर के भोजन के समय तक झेला कैम्प तक पहुचा. रास्ते मे सात धारा पर थोडी देर का विराम दिया गया जिससे सदस्य मनोहारी दृश्य का मजा ले सके.
झेला कैम्प ट्रेकिंग का पहला पडाव था। इस स्थल पर ईको पर्यटन से संबंधित शैक्षणिक; मनोरंजक तथा साहसिक गतिविधियॉ संचालित की गई और रात्रि मे यही दल के सभी सदस्यों ने विश्राम किया।

दूसरे दिन सुबह झेला केम्प से पैदल देनवा नदी के किनारे ट्रेकिंग आरंभ कर  9 किलोमीटर ट्रेक करते हुये दल दोपहर 2 बजे कांजीघाट पहुचा. दोपहर का भोजन करने के बाद यहॉ सभी ट्रेकर्स कमाण्डो नेट तथा बर्मा ब्रिज जैसे साहसिक खेलों में सम्मिलित हुए। रात्रि में स्थानीय वनवासीयों ने केम्प फायर के दौरान पारंपरिक लोकनृत्य पेश किया.

तीसरे दिन कांजीघाट से सुबह चल कर दल दोपहर बाद पचमढी मे बायसन लॉज पहॅचा। वर्तमान मे पचमढी मे जो बायसन लॉज है कभी वह जेम्स फोरसिथ का आश्रय स्थल था उन्होने ही इसे बनाया था। वन प्रांतर मे स्थित साज;साल; सरई; सर्रू; हर्रा; आम जामुन; महुआ के वृक्ष और बल खाती देनवा नदी और उसके स्वच्छ जल के झरनों दुर्गम पहाडियो के बीच इस टेकिंग का अपना खास महत्व रहा।


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